Read Time5
Minute, 17 Second
नई दिल्ली: भारत ने 250 किलोमीटर से ज्यादा दूरी तक लक्ष्य को भेदने में सक्षम एक हवाई बैलिस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया है। ये परीक्षण अंडमान में किया गया है। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि मध्यम दूरी की इस बैलिस्टिक मिसाइल के नए संस्करण का सफल परीक्षण मंगलवार को स्ट्रैटिजिक फोर्स कमांड की ओर से किया गया। यूजर लॉन्च ने कमांड की परिचालन क्षमता पर मुहर लगाई है और नई टेक्निक को मान्यता प्रदान किया है। भारतीय वायुसेना 'मेक इन इंडिया' के तहत बड़ी संख्या में इजरायली मिसाइलों को हासिल करने की योजना बना रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि ये एक अनूठी क्षमता प्रदान करती हैं।
क्रिस्टल मेज-2 मिसाइल का सफल परीक्षण
भारतीय वायुसेना की ओर से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से दागी गई ये मिसाइल ऊपर की ओर जाती हैं। फिर तेज रफ्तार से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं। ये क्रिस्टल मेज 2 मिसाइल है। ये बैलिस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज 1 से पूरी तरह अलग है, जिसे बहुत पहले भारतीय वायुसेना ने इजरायल से हासिल किया था। क्रिस्टल मेज 2, क्रिस्टल मेज-1 का विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज एयर-टू-सरफेस मिसाइल है।
जानिए नई मिसाइल की खूबियां
इस बैलिस्टिक मिसाइल के आने से इंडियन एयरफोर्स की ताकत में इजाफा होगा। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल जीपीएस-डिनाइड एरिया में भी टारगेट को निशाना बना सकती है, जिसे भारत ने कारगिल युद्ध के दौरान फेस किया था। ये बैलिस्टिक मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम से सुरक्षित क्षेत्रों में भी अपने टारगेट को निशाना बना सकती है। भारतीय वायुसेना अब मेक इन इंडिया के माध्यम से बड़ी संख्या में इजरायली मिसाइलें प्राप्त करने की योजना बना रही है क्योंकि यह एक अनूठी क्षमता प्रदान करती है। यह पता चला है कि ये मिसाइल 'अग्नि' श्रेणी के हथियारों से संबंधित नहीं है।
इससे पहले 18 अप्रैल को डीआरडीओ ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) का सफल परीक्षण किया था। मिसाइल के उड़ान की निगरानी भारतीय वायु सेना के सुखोई-30-एमके-I विमान से की गई। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से लैस थी।
क्रिस्टल मेज-2 मिसाइल का सफल परीक्षण
भारतीय वायुसेना की ओर से सुखोई-30 लड़ाकू विमान से दागी गई ये मिसाइल ऊपर की ओर जाती हैं। फिर तेज रफ्तार से अपने लक्ष्य की ओर बढ़ती हैं। ये क्रिस्टल मेज 2 मिसाइल है। ये बैलिस्टिक मिसाइल क्रिस्टल मेज 1 से पूरी तरह अलग है, जिसे बहुत पहले भारतीय वायुसेना ने इजरायल से हासिल किया था। क्रिस्टल मेज 2, क्रिस्टल मेज-1 का विस्तारित स्टैंड-ऑफ रेंज एयर-टू-सरफेस मिसाइल है।जानिए नई मिसाइल की खूबियां
इस बैलिस्टिक मिसाइल के आने से इंडियन एयरफोर्स की ताकत में इजाफा होगा। दावा किया जा रहा है कि यह मिसाइल जीपीएस-डिनाइड एरिया में भी टारगेट को निशाना बना सकती है, जिसे भारत ने कारगिल युद्ध के दौरान फेस किया था। ये बैलिस्टिक मिसाइल एयर डिफेंस सिस्टम से सुरक्षित क्षेत्रों में भी अपने टारगेट को निशाना बना सकती है। भारतीय वायुसेना अब मेक इन इंडिया के माध्यम से बड़ी संख्या में इजरायली मिसाइलें प्राप्त करने की योजना बना रही है क्योंकि यह एक अनूठी क्षमता प्रदान करती है। यह पता चला है कि ये मिसाइल 'अग्नि' श्रेणी के हथियारों से संबंधित नहीं है।इससे पहले 18 अप्रैल को डीआरडीओ ने स्वदेशी प्रौद्योगिकी क्रूज मिसाइल (आईटीसीएम) का सफल परीक्षण किया था। मिसाइल के उड़ान की निगरानी भारतीय वायु सेना के सुखोई-30-एमके-I विमान से की गई। बेहतर और विश्वसनीय प्रदर्शन सुनिश्चित करने के लिए मिसाइल उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से लैस थी।
+91 120 4319808|9470846577
स्वर्णिम भारत न्यूज़ हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.